प्रिय अरविन्द गुप्ता
सनातन संस्था -वाराणसी
आपकी प्रेस रिलीज़ मिलीकी दिवाली पर पटाखे न चलायें और कुछ साइड इफ़ेक्ट भी बताये आप श्रीमान ने , हमारी नजर में
आप का ये अभियान संदिग्ध और भ्रमित करने वाला है --
प्रथम दृष्टि से हम भी मानते है की देवी -देवता की तस्वीर वाले पटाखे ,उनकी पैकिंग सामग्री निषिद्ध होनी चाहिए , आपका अभियान यहाँ तक तो ठीक है , लेकिन इसकी आड़ में जो आप कह रहे है की रासायनिक सामग्री होती है ,धुआं प्रदुषण ,ध्वनि प्रदुषण होता है लोग बीमार चीड़ चिड़े होंगे होंगे ये सब के लिए लगता है किसी
विदेशी संस्था के लिए आप नमक हलाली कर रहे है , शर्म आनी चाहिये आप जैसे लोगो को --- अभी 06 अक्टूबर बकरीद वाले दिन क्या किया था ?? कोई अभियान चलाया था तुमने की बेजुबान जानवरो को क़त्ल मत करो --उस दिन कचरा प्रदुषण पानी की बरबादी नही हो रही थी ??? सनातन मान्यता ये कहती है की एक छोटे से छोटे जीव में भी वही परमात्मा है जो हमारे अंदर है -जब लाखो जीव कटे थे वो सही था ?? उस दिन कहाँ मरे हुऐ थे ??? , यहाँ तो केवल देवी -देवता की तस्वीर है पटाखो की पैकिंग पर ,तस्वीर फटने पर तुमको तकलीफ हो गयी ---